Meditation क्या है ? घर पर मेडिटेशन कैसे करें
दोस्तों आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में अपने तन मन तरोताजा रखने का Meditation एक बेहतरीन विकल्प है । mediation यानी ध्यान लगाना । नियमित ध्यान लगाने से मन शांत होता है । साथ ही मानसिक रूप से हम ताजा हो सकते है । इसी प्रकार ध्यान लगाने से बहुत सारे फायदे है । मगर कुछ सावधानियां भी रखनी होती है । जैसे ध्यान कब, कैसे लगाना चाहिए । आज के टॉपिक में Meditation tips in hindi बताने जा रहे है । तो चलिए जानते है घर पर Meditation कैसे करें -
1. Mediation क्या है ? Dhyaan kya hai -
मेडिटेशन एक ऐसा अभ्यास है जिससे कोई व्यक्ति एक तकनिक का इस्तेमाल करके जैसे mindfulness किसी विशेष वस्तू, विचार /गतिविधि पर ध्यान केंद्रित करता है । एक ऐसी साधना जिसे मन की सारी शक्ति को एकत्रित कर सकता है । एक ऐसी सन्तुष्टि जिसे व्यक्ति को मानसिक रूप से सुख की अनुभूति कराता हो । ऋषि मुनियों ने ध्यान से शरीर की कई रहस्यमय शक्तियों को जागृत किया । उन्होंने अपने मन पर कंट्रोल करके अपने लक्ष्य की प्राप्ति की । असल में ध्यान एक ऐसा साधन है जिसे मनुष्य खुद से बात करता है ।
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2. मेडिटेशन के प्रकार ( Types of Mediation )
1. मंत्र मेडिटेशन - इस मेडिटेशन में एक ध्वनि शब्द के अंश का प्रयोग करके अपने मनको शांत करने और ध्यान केंद्रित करने की प्रक्रिया है । इसे जाप मेडिटेशन भी कहा जाता है । इस मेडिटेशन से रक्तचाप कम होता है ।
2. ट्रांसडेंटल मेडिटेशन - इसको भावतित ध्यान भी कहा जाता है । भावातीत ध्यान की खोज महेश योगी ने की थी । यह बहुत ही सरल और प्राकृतिक ध्यान है । इसमें ध्यान में किसी ध्वनि, ताल मंत्र पर ध्यान केंद्रित किया जाता है । इस मेडिटेशन से यह फायदा हैं कि अवसाद और चिंता से आप का बचाव होता है । हार्ट के मरिजो के लिये यह मेडिटेशन फायदेमंद है ।
3. एकाग्रता मेडिटेशन - इस मेडिटेशन में आपको 5 में से किसी भी एक सेंसर आंर्गन पर ध्यान लगाना होता है । उदाहरण - सांस लेने/ चलने की आवाज आदि।
4. जेन मेडिटेशन - जेन मेडिटेशन बौद्ध परंपरा का एक हिस्सा है । इसका अभ्यास एक ट्रेंड प्रोफेशनल के मार्गदर्शन में किया जाता है । इसके अभ्यास में कुछ विशेष स्टेप्स और आसन शामिल होते है । आपको तनाव दूर करके रिलेक्सेशन प्रदान करता है ।
5. अध्यात्मक ध्यान - मेडिटेशन की इस पद्धति से भगवान को निकट पाने का सबसे अहम तरीका है । यह प्रक्रिया सांसो पर केंद्रित होती है जिसे ईश से मिलन होता है ।
3. मेडिटेशन के फायदे ( Benefits of Mediatation )
- निर्णय लेने की क्षमता में वृद्धि - क्योंकि हर निर्णय आपके भविष्य को आकार दे रहा है । आज जो आपका present हैं यह पिछले निर्णयो का असर है तो आपका हर निर्णय हृदय स्थान/ तेज स्थान से आने चाहिये क्योंकि वहा से आने वाले निर्णय ईश्वरीय निर्णय है ।
- मानसिक सुस्ती का खात्मा - लोग चिंता करना है मगर मंथन करना नहीं चाहते । मानसिक सूस्ती के वजह से । ध्यान करने वाले विषय के गहराइ में जा पाते है ।
- कार्यक्षमता में वृद्धि - लगातार भाग दौड़ की वजह या अधिक कार्य करने के थकावट जल्दी आ जाती है जिसे आप अपना कार्य ठीक से नहीं कर सकते है । लेकिन मेडिटेशन एक ऐसा माध्यम है जो आपके कार्य क्षमता में तेजी से इजाफा करेगा । इतना ही नहीं कार्य की गुणवत्ता में भी बढ़ोतरी होगी ।
- निरंतरता बनी रहेगी - कोई काम शुरु करते है पर निरंतर नही करते तो उसका लाभ नहीं मिलता । निरंतरता सफलता का रहस्य है । निरंतर जब आप कुछ करते हो । यदि ठान लिया जाए कि अब में इस तरह जीने वाला हूँ । हर दिन यह कार्य होने वाला है । समय देकर बढाना है ।
- तन मन को शांति - नियमित रूप से मेडिटेशन करने से आपके तन मन को सन्तुष्टि होगी । आपको सुख की अनुभूति होगी । शारिरिक रूप से स्फूर्ति का आभास होगा । आप सदैव हेल्थी बने रहेंगे ।
- मन की सभी शक्तियां केंद्रित - मन के पास बहुत सारी शक्तियां होती है लेकिन वह सभी अव्यस्थित होती है । यही कारण है कि मनुष्य भटक जाते है । मेडिटेशन ऐसा साधन है जिसे मन की सारी शक्ति को एकत्रित कर सकता है । ध्यान से अचेतन मन को जागृत कर सकते है ।
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4. मेडिटेशन के नुकसान ( Loss Of Mediatation )
जो लोग ध्यान सही तरीके से नहीं करते हैं तो आप परेशान हो सकते हैं । आप अपने दुखों से छूटकारा पाना चाहते हैं जैसे चिडचिडापन, गुस्सा, टेन्शन, जलन । जिसमे आवश्यक सुधार नहीं हो पायेगा । इसलिए जरूरी है कि नियमित रूप से Mediation करें । यदि आप किसी बीमारी से पीड़ित हैं तो डॉक्टर के परामर्श से करें ।
5. Meditation कब और कैसे करे ?
- शांत जगह तलाशे - अगर आप घर पर ही ध्यान लगा रहे हैं तो इसके लिये सबसे पहले आपको एक शांतिपूर्ण जगह तलाशनी होगी । आप जहा पर भी ध्यान लगाने के लिये बैठे वहा कोई शोर शराबा नहीं होना चाहिये । जिससे की आपको ध्यान भंग हो ।
- सीधे बैठकर लम्बी सास ले - ध्यान लगाते वक्त आपको हमेशा सीधा बैठना चाहिये जहा तक संभव हो अपने रीढ को अपने शरीर पर दबाव डालें । सुविधानुसार सीधा रखे । सबसे पहले आप वज्रासन, सुखासन, पद्मसन में बैठ जाये । बैठने की स्थिती में ध्यान रहे की आपकी रीढ सिधी रहे ताकि आप सही से सांस लें सकें । वही अगर आप किसी वजह से इन आसनों में बैठने में समर्थ नहीं है तो chair का भी use कर सकते है ।
- आराम दायक स्थिति में बैठे - आप हमेशा ध्यान लगाने से पहले पुरे शरीर को आराम की अवस्था में ले जायें । अपनी मांसपेशियो को आराम मिल सके ।
- सकारात्मकता बनाये - अगर आप पहली बार ध्यान लगा रहे है तो आपका ध्यान केंद्रित होना वहीं सकारात्मक विचार की और थोडा मुश्किल हो सकता है । इसके लिये जरुरी होगा की आप मन में संतुलन की अवस्था को बनाने की कोशिश करें और मन को भटकने ना दें ।
- मेडिटेशन नियमित रूप से करें - एक एकांत स्थान में बैठकर सुबह - शाम नियमित रूप से करीब घण्टे भर तक करना चाहिए । तभी लाभ मिलेगा । ध्यान रखें कि खाली पेट करें । या फिर खाना खाने के 2 - 4 घण्टे बाद करें
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