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International yoga day पर जाने योग करने के फायदे

International yoga day पर जाने योग करने के फायदे

International yoga day

अंतरराष्ट्रीय योग दिवस को मनाने के लिए 21 जून का दिन सही माना गया क्योंकि यह दिन सबसे बड़ा होता है  योग करने से व्यक्ति उर्जावान होता है शरीर के कण कण में रक्त शुद्धि का संरक्षण होता है । दो खंडों का एक होना योग कहलाता है । अंर्तमन को बिना आघात किये यह क्रिया मन को वास्तविक से जोड़ कर स्वस्थ तन का आकार लेता है । सुविचार की उत्पत्ति आत्मा से होती है और एक स्वस्थ आत्मा स्वस्थ शरीर में ही निवास करता है इसके लिए जरूरी है योग के माध्यम से शरीर को स्वस्थ रखा जाए । वेद मनिषियों ने योग को सबसे प्राचीनतम पद्धति माना है जिसे अपनाकर शरीर की संरचना में आमूलचूल परिवर्तन आता है।

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योग के चार प्रकार है । Type of yoga 

1. मंत्रयोग
2. हठयोग
3. लययोग
4. राजयोग
पतंजलि ॠषि योग के संस्थापक थे । इन्होंने अष्टांगयोग की शुरुआत शरीर को दुरुस्त रखने के लिए की  थी । इसके नियमित अभ्यास से शरीर निरोग रहता है । इसके हर विधि की अपनी विशेषता है और ये अभ्यास करने से ही लाभकारी होता है।


Yoga kaise kare


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योग कैसे करें ? Yoga kaise kare in hindi


1. प्राणायाम-  इंद्रियों को वश में लाने की क्षमता वाले इस आसन को करने के लिए आंखों को बंद कर करें । प्राणायाम की अनेकों श्रेणियां है इसमें 8 को सर्वोच्च माना गया है।

2. कपालभाती और अनुलोम - विलोम करने से  प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी करने वालों को बहुत फायदा मिलता है।

3. गर्मी के मौसम में शीतलता का अनुभव करने के लिए चंद्रभेदी, शीतली और शीतकारी प्राणायाम करने चाहिए।

4. भस्त्रिका प्राणायाम करने से स्मृति  तेज होती है।

5. अनुलोम - विलोम करने से बैठकर काम करने वालों को नुक्सान नहीं होता।

6. बाहृ प्राणायाम से आजकल की भागमभाग भरी जिंदगी में बढ़ते तनाव से निजात मिल सकती है।

7. कब्ज दूर करने के लिए शशांक आसान से राहत मिलेगी । योग की क्रिया को जनमानस तक फैलाने एवं जागरूकता लाने के उद्देश्य से योग दिवस मनाया जाता हैं।

पहली बार yoga day कब मनाया गया था ?

पहली बार 21 जून 2015 को मनाया गया था लेकिन 27 सितंबर 2014 को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इसके वास्तविक रूप से अवगत कराया । उनके दिये गये भाषण  को जनता के सम्मुख प्रस्तुत किया गया ।

पतंजलि जननी योग का, जान सके तो जान, तंदरुस्ती का राज यहां, कर लो ज्यों तुम प्राणायाम।
हठयोग प्रदीपिका कर लो, जो दस बार, मन वश में हो जायेगा, न हो कुंठित विचार ।

कल्पना झा
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