आज़ादी का अमृत महोत्सव पर शायरी । Azadi ka amrit mahotsav par shayari.
Azadi ka amrit mahotsav par shayari. आज़ादी के 75 वर्ष पूर्ण होने पर 75वी वर्षगांठ पर माननीय प्रधानमंत्री ने आज़ादी का अमृत महोत्सव की शुरुआत की । जो वर्ष 2023 तक चलेगी । इस आज़ादी का महोत्सव योजना के तहत भारत का प्रत्येक विभाग अपनी अपनी उपलब्धियों को जन जन तक पहुंचा रहा है ।
आज़ादी का अमृत महोत्सव का मुख्य उद्देश्य आजादी के दीवानों, शहीदों एवं गुमनाम वीरो को याद करना है । आजादी के 75 वर्ष पूर्ण होने पर विकास की समीक्षा करना है । देशभक्तो का स्मरण करते हुए आजादी का अमृत को ग्रहण करना है । इसी उद्देश्य से हमने कुछ पक्तियों सज़ाया हैं जो इस प्रकार है - Azadi ka amrit mahotsav par shayari in hindi.
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आज़ादी का अमृत महोत्सव पर शायरी । Azadi ka amrit mahotsav par shayari.
1.
खेलें है हजारों लाल खून की होली,
कितनी ही माताओं की खाली हुई झोली ।
अनगिनत सुहागिनों के मिट गई माथे की रोली,
तब सजी भारत माता की आजादी की डोली ।
2.
मेरा देश, मेरा वतन, मेरा यह चमन,
शांति के, उन्नति के उद्देश्य को नमन ।
किसने बदला पथ प्रगति और विकास का,
बदल दिया रुख, धरती और आकाश का ।
3.
आजादी के डगर के हम थे दीवाने ।
धरती हमारी माशूका हम थे परवाने ।
देश की आन के थे हम सब रखवाले ।
दिल के थे साफ सूरत के थे हम काले ।
4.
तिंरगे में लिपटा मै तन चाहता हूँ ।
माँ तेरे प्रेम में डूबा मै मन चाहता हूँ ।
तेरी ओर जो देखे मै फना कर दूँ उसे ।
तेरे लिए लूटाना अपना सर्वस्य चाहता हूँ ।।
5.
देश के प्रहरी मिलकर पैगाम दे ।
तेरे लिए हम झुककर सलाम दे ।
मै न रहूं मेरा देश आबाद रहे ।
चहूंओर बस इसका ही नाम रहे ।
जगदीश कौर
6.
बहुत हुआ अपमान आजादी के मतवालों का
उठो, चलो अब शहीदों का सम्मान करो ।
गूऺजे क्षितिज पर यशोगान इनका, ऐसा गुणगान करो
आया आज़ादी का अमृत महोत्सव, चलो जश्न मनाओ ।
7.
माटी मेरे देश की यदि मस्तक पर लग जाए,
सच कहती हूँ तकदीर बदल जाए ।
ये मन बडा चंचल है इसे जितना समझाऊँ
कैसे करूँ तेरी सेवा, सेवा करने को मचल जाए ।
एक शहीद दर्जा मिले और तन तिरंगे में लिपट जाए
मेरे जीवन की बगीया फूलों सी महक जाए ।
माटी मेरे देश की यदि मस्तक पर लग जाए
सच कहती हूँ मेरे तकदीर बदल जाए ।
8.
आओ आजादी का अमृत महोत्सव मनाएं
दुखी जन दिखें तो उन्हें दिल से लगाएं
अहिंसा और शांति को घर घर फैलाएं
जन जन को देश का प्रहरी बनाएं
रुकें न कभी, ना ही थक के बैठ जाएं
हम मंजिलों के राही, कहीं न भूल जाएं
ये राहें कठिन हैं, ना पग डगमगाएं
निरंतर बढ़ें आगे, बढ़ते ही जाएं ।
आगे बढ़ते ही जाएं।
9.
अमृत महोत्सव के हैं साक्षी
हम सब वो जो धरा पे हैं ।
एक देश है, एक ही तिरंगा
एक संविधान स्वीकारा है ।
भाषा वेश हैं भिन्न यहां पर
संस्कृति का अजब नजारा है ।
पीया गरल था, अब है अमृत
धारा वो जो बहती हर पल ।
मंज़िल बहुत दूर नहीं है अब
वो, सामने दिखा किनारा है ।
10.
ऐसे कई दीवाने देखे, जिनको देश प्यारा है
कश्मीर से कन्या कुमारी, सारा देश हमारा है।
अभी तो आगे भी बढ़ना है, संकल्प हमारा न्यारा है
वीरों कस लो कमर कि मां भूमि ने तुम्हें पुकारा है।
11.
आजादी का उत्सव है ये, मिला बड़े बलिदानों से
मातृ भूमि के लिए मिटे, जो मिला उन्हीं दीवानों से।
आओ याद करें उन सबको, नमन और वंदन करते
हमे मिली आजादी जो, उनके बलिदानो से ।
डा रमा रानी, जालंधर, पंजाब
12.
आजादी के इस उत्सव को हमें मनाना है,
पर सबसे पहले नवयुवकों को चेताना है ।
देश में फैले भ्रष्टाचार, नफरत को मिटाना है
मानव धर्म सबसे बड़ा है सबको ये समझाना है ।
नारी से नारायण है इसको सम्मान दिलाना है ।
आज़ादी का अमृत महोत्सव पर स्टेटस । Azadi ka amrit mahotsav par status.
1.
जिस देश की मिट्टी भी बनी चंदन
ऐसा पावन है हमारा प्यारा वतन ।
2.
सोने सा सदा जगमग चमकता मेरा देश
भांति भांति के लोग, भांति भांति का वेश ।
3.
तिरंगा है आन हमारी, तिरंगा ही है शान
देश का बच्चा-बच्चा हो इस पर कुर्बान।
4.
भारत मां के वीर सपूतो की कहानी
सुन रहे सब अमृत महोत्सव की जुबानी ।
5.
आया आजादी का महोत्सव खास
छाया चहुं ओर स्वर्णिम दिव्य प्रकाश ।
मीना दुगड़ कोलकाता
6.
आजाद, सुभाष कुछ नाम थे, कुछ होकर भी शमिल जैसे गुमनाम थे,
नाम नहीं उनका बस वो देश की खातिर जीते - मरते सुबह - शाम थे ।
7.
सबके अंदर बस चाहत आज़ादी की जैसे सबके लिए एक ही पैगाम थे,
नहीं झुके जो शहीद गए वतन के खातिर, ऐसे ना जाने कितने ही नाम थे ।
8.
वंदेमातरम की जय कार हर तरफ होनी चाहिए ,
डर जाए देख दुश्मन जिसे ऐसी हुंकार होनी चाहिए ।
9.
मेरा भारत महान, ये आवाज हर जुबां पर होनी चाहिए,
भारत अखंड है, सदा ये गूंज दुश्मन की दिलो पे होनी चाहिए ।
10.
तिरंगा हम लहराय हर जगह शान से ये चाहत दिलो में होनी चाहिए,
तिरंगे की शान में ही है हम सबकी शान, ये सोच दिमाग में होनी चाहिए।
11.
भारत की खातिर हँस के मिट जाऐं जो ऐसे सपूतो पर नाज़ होना चाहिएं,
कफ़न - ए - तिरंगे से हो सम्मान फिर ये जोश हर दिल में होना चाहिए ।।
12.
दिल पत्थर नहीं हम भी अहसास रखते हैं,
बस अहसास ए दिलो में हम अपने वतन को रखते हैं।
13.
नहीं रहेंगे गुलाम अब हम सोच थी तब जैसे सबकी ,
होंगे आजाद एक दिन ये मंत्र सबको जैसे जपना था।
14.
लड़े खूब सब मिलकर देश की खातिर अंग्रेजो से,
आज का ये आजाद भारत जैसे उन सबकी रचना था।
15.
ना दंगा ना फसाद चाहिए,
हिन्दू हो या मुस्लिम सबके दिलो में,
भाई चारे की एक लहर होनी चाहिए।
राधे मंजूषा।
16.
दिए थे वीरों ने शीश उतार, भारत माँ की चाह में,
आया आजादी का महोत्सव आज़ाद भारत की राह में ।
तो मित्रों उम्मीद करते हैं कि आज का टॉपिक Azadi ka amrit mahotsav par shayari आपको जरूर पसंद आई होगी । आप अपने विचार हमारे कमेंट बॉक्स में लिखे और हां जय हिंद लिखना न भूलें ।
1 टिप्पणियाँ
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