हाथो पैरो में झनझनाहट के कारण, लक्षण व उपाय । Tangling in hand and feet in hindi
Tangling in hand and feet in hindi. कहते हैं कि अगर शरीर सही है और सही ढंग से अपना काम कर रहा है तो समझो वह व्यक्ति दुनिया का सबसे धनी व्यक्ति है। आजकल अनेको ऐसी बीमारियाँ हमारे शरीर के इर्दगिर्द घूमती मिल जायेगीं जो देखने पर तो आम होती हैं पर तकलीफ बड़ी देती हैं। आज हम बात करते हैं हाथ और पैरो में झनझनाहट की ( Tangling in hand and feet )
व्यक्ति के हाथ और पैर में झुनझुनी होना एक आम बात है। ऐसे में कभी कभार शरीर में जलन व चुभन जैसे लक्षणो का अनुभव होता है और हाथ या पैर थोड़ी देर के लिए सुन्न से हो जाते है। विटामिन्स और खनिज आदि की कमी के कारण झुनझुनी की समस्या होती है। चलिए जानते हैं - Tangling in hand and feet in hindi
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हाथ और पैर में झनझनाहट होने के कारण । Tingling in The Hands And Feet Causes in Hindi.
1. नस का दब जाना -
कमर या गर्दन की नस किसी भी कारण से दब जाने के कारण भी पैरों में झनझनाहट होती है। हमें ऐसा लगता है जैसे करंट सा लग रहा है।
2. रीढ़ की हड्डी - Bone stock
कभी- कभी रीढ़ की हड्डी के खराब होने से भी आसपास की नसों में दबाव बढ़ जाता है। जिससे सर्वाइकल की समस्या शुरू हो जाती है। इस समस्या के चलते भी हाथ पैर सुन्न होने लगते हैं।
3. रक्त संचार की कमी - Blood pressure
शरीर में यदि रक्त संचार सही ढंग से ना हो तब भी हाथो व पैरों में झनझाहट होने लगती है। इसका असर नसों पर होता है और शरीर के विभिन्न हिस्सों में ऑक्सीजन नहीं पहुंच पाती और शरीर सुन्नता की स्थिति में प्रवेश करने लगता है।
4. मधुमेह - Daibities
मधुमेह की बीमारी में भी इस तरह की समस्याएँ आ सकती है। शुगर के मरीज़ो के शरीर में रक्त शर्करा व इंसुलिन के बढ़ने से नसे प्रभावित होने लगती हैं। इसलिए हाथ व पैर में झनझनाहट महसूस होती है। ऐसी स्थिति में मधुमेह के रोगियों को हर महीने अपना शुगर स्तर ज़रूर जाँच करवाना चाहिए।
5. संक्रमण - infection
यदि किसी व्यक्ति को हाथ में संक्रमण हो गया हो या फिर कोई व्यक्ति किसी बीमारी के लिए कोई भी दवाई खा रहा हो तब भी उसके हाथों व पैरो में झनझनाहट हो सकती है।
6. विटामिन्स की कमी - vitamins definitely -
विटामिन की कमी से व्यक्ति को उपयुक्त पोषक तत्व नहीं मिल पाते, जिस कारण उसकी नसों में कमजोरी आ जाती है। विशेषकर बी 6 की कमी से हाथ और पैर सुन्न होने लगते हैं और झनझनाहट शुरू हो जाती है।
7. किडनी की समस्या - Kidney disease -
यह तो आप जानते ही हैं कि यदि व्यक्ति को किडनी से संबंधित समस्या है तो इसका प्रभाव नसों पर भी लाजिमी पड़ेगा । ऐसा इसलिए होता है कि किडनी ख़राब होने पर द्रव पदार्थ जमा होने लगता है और इससे नसे प्रभावित होना शुरू हो जाती हैं। यही वह वजह है जो झनझाहट उत्पन्न करती है।
8. कुछ रोग भी ज़िम्मेदार -
गठिया, सीलियक रोग, ल्यूपस, मल्टीपल स्केलेरोसिस आदि रोगों के कारण भी हाथ-पैरों में झनझनाहट उत्पन्न हो जाती है। इनमें कुष्ठ रोग, एचआईवी, हेपेटाइटिस सी, बी, लाइम रोग आदि भी शामिल हैं।
9. कुछ मुख्य व सामान्य कारण –
यदि कोई महिला गर्भवती है या कोई व्यक्ति शराब बहुत पीता है, विषाक्त पदार्थ, हाइपोथायरायडिज्म आदि के कारण भी हाथ व पैरों में झनझाहट पैदा हो जाती है।
हाथों और पैरों में झनझनाहट के लक्षण । Tingling in hands and feet Symptoms in Hindi
यदि हाथो व पैरो में झनझाहट महसूस होने लगे तो इन लक्षणों पर एक नज़र डालनी चाहिए ....
1. हाथ और पैर में सुन्नता को महसूस करना।
2. शरीर में खासतौर पर हाथो व पैरो में जलन व चुभन का अनुभव होना।
3. प्रभावित स्थान पर ठंडा सा महसूस होना।
4. पहले हल्की फिर बाद में अधिक कमज़ोरी महसूस करना।
5. शरीर का गिरा गिरा रहना ।
6. किसी भी काम में चाहकर भी मन नहीं लगना।
7. शरीर में सुस्ती का आना।
8. खाने पीने का दिल ना करना।
एक बात ध्यान रखने वाली है कि अगर किसी को शरीर में कभी-कभी झुनझुनी ( Tangling in hand and feet ) आती है, तो कोई बड़ी समस्या नहीं है, लेकिन यदि प्रतिदिन ऐसा हो रहा है, तो doctors से संपर्क ज़रूर करें।
हाथ पैर में झनझनाहट के उपचार क्या हैं । Tingling in hands and feet Treatments in Hindi
1. अगर किसी को हाथ और पैर में अधिक झनझनाहट की समस्या हो रही है, तो ऑर्थोपेडिक से संपर्क करें वही इसका सही ईलाज कर पायेगें।
2. मधुमेह को नियंत्रित करें।
3. विटामिन की कमी की पूर्ति के लिए आहार में सप्लीमेंट का सेवन करें ,डाक्टरी सलाह अनिवार्य है।
4. यदि किसी को संक्रमण हो गया है तो पहले उसका सही ढंग से इलाज करवा लें।
5. यदि कोई भी दवाई खाने के बाद मरीज़ को झनझाहट उत्पन्न होती है तो अपने डॉक्टर से दवा बदलने के लिए कहें।
6. शराब का सेवन ना करें।
7. रोजाना व्यायाम करें।
8. प्रतिदिन टहलने की आदत डालें।
9. समय पर भोजन करें।
10. खुली हवा में सांस लें। अर्थात बाहर बगीचे में बैठ जाएँ या फिर छत पर हवा में बैठें, इससे भी Tangling in hand and feet से काफी आराम की अनुभूति होगी।
हाथ-पैरों में झुनझुनी के घरेलू ईलाज । Tangling in hand and feet Home remedies in hindi.
1. एसेंशियल ऑयल -
कुछ एसेंशियल ऑयल ऐसे होते हैं, जो झुनझुनी का इलाज करने में काफी सहायता करते देखे गये हैं। ऐसा ही लैवेंडर ऑयल भी है जिसका उपयोग मरीज़ कर सकता है। यह तेल मरीज़ के हाथ व पैरों की झुनझुनी को दूर करने में मदद करेगा। लैवेंडर ऑयल में एंटी इंफ्लामेटरी और एंटी-एनाल्जेसिक गुण होते हैंजो पेरेस्टेसिया में काफी मददगार है।
कैसे करें उपयोग -
इसके लिए मरीज़ को थोड़ी सा नारियल तेल लेकर उसमें कुछ बूंदे लैवेंडर ऑयल की मिलानी चाहिए। अब इस मिश्रित तेल को मरीज़ के हाथ-पैरों पर हल्के हल्के सकता मालिश करनी चाहिए। यदि कोई भी मरीज चाहे तो इसे रात भर लगाकर भी रख सकता है। इससे उसे काफी लाभ होगा।
2. एप्सम सॉल्ट -
एप्सम सॉल्ट में मैग्नीशियम की मात्रा होती है जो इंफ्लेमेशन को कम करने व सूजन को समाप्त करने में काफी मददगार साबित हुआ है। इसका प्रयोग इस प्रकार से मरीज़ को करना चाहिए ।
कैसे करें उपयोग -
इसके लिए मरीज़ को एक टब में पानी भर लेना चाहिए और इसमं तकरीबन एक कप एप्सम सॉल्ट की मात्रा डालनी चाहिए। अब मरीज़ को 20 से 30 मिनट के लिए अपने हाथ पैरों को उस पानी में डुबोए रखना होता। मरीज़ ऐसा प्रतिदिन भी कर सकता है इससे हाथो पैरों को निश्चित ही काफी आराम मिलेगा।
3. दही -
दही मे कई पोषक तत्व और मैंगनीज होता है, जो ब्लड सर्कुलेशन को बेहतर करके मरीज़ की नसों के काम को बेहतर करने में मदद करता है और हाथ-पैरों की झुनझ़नी को दूर करता है।
उपायोग कैसे करें -
मरीज़ प्रतिदिन एक कटोरा सादा दही का सेवन कर सकता हैं। दही में मौजूद पौष्टिक तत्व Tangling in hand and feet की प्रॉब्लम से आराम मिलता हैं।
4. पैरों की मालिश -
मसाज थेरेपी के द्वारा भी झुनझुनी की समस्या को दूर किया जा सकता है। यदि मरीज़ पैरों की मसाज करता है तो इससे तंत्रिकाएं भी उत्तेजित हो जाती है और ब्लड सर्कुलेशन भी बढ़ता है और साथ ही हाथों-पैरों की झनझनाहट ( Tangling hand and feet ) भी दूर होती है।
5. दालचीनी
दालचीनी में पोटेशियम और मैंगनीज जैसे तत्व होते हैं, जो मरीज़ के ब्लड सर्कुलेशन में सुधार कर, हाथो व पैरों की सुन्नता और झुनझुनी को दूर करने में मदद करते हैं।
कैसे करें उपयोग -
इसके उपयोग के लिए मरीज़ को एक बरतन में 1 या 2 कप पानी गरम कर लेना चाहिए। अब इसमे 1 चम्मच दालचीनी पाउडर मिलाकर इस मिश्रण का सेवन करना चाहिए। यह मरीज़ की पेरेस्टेसिया यानि झुनझुनी की समस्या को दूर करने में मदद करेगा। यदि मरीज़ ऐस प्रतिदिन भी करता है तो कोई बुराई नहीं नहीं है बल्कि आराम ही मिलेगा।
निष्कर्ष - हमारे शरीर में जब भी कोई बीमारी जन्म लेती हैं उसके लिए कहीं ना कहीं हमारा खानपान ही ज़िम्मेदार होता है ऐसे में हमें आरंभ ही से अपने भोजन व पेय पदार्थों पर ध्यान देना चाहिए। Tangling in hand and feet in hindi की प्रॉब्लम लम्बे समय तक रहने पर डॉक्टर से सम्पर्क करें ।। शाहाना परवीन...✍️ ।।


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