Benefits of Tulsi तुलसी पौधे का महत्व, फायदे और औषधीय गुण
Benefits of Tulsi. तुलसी ( Tulsi ) एक औषधीय पौधा ही नही बल्कि हमारे भारतवर्ष की संस्कृति से जुड़ा एक महत्वपूर्ण अंग है। जितनी इसकी महत्वता हमारी संस्कृति जुड़ी है उतनी ही इसकी महत्वता औषधीय गुणों के साथ भी है।
प्रकृति का यह वरदान भारत वासियों के लिए किसी अमृत से कम नहीं है | हमारे खान-पान में तुलसी की एक अलग ही पहचान है। प्राचीन काल से हमारे ऋषि-मुनियों ने भी तुलसी के महत्व को पहचाना है। हमारे आयुर्वेद में भी इसकी महत्त्वता का व्याख्यान है।
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तुलसी का औषधीय महत्व - Tulsi ka Aushadhiyan gun -
तुलसी दल हमारे खानपान में प्राचीन काल से ही शामिल है, इसके अंदर वात और कफ दोष को दूर करने की अचूक शक्ति है। तुलसी के दल के साथ इसके बीज का सेवन भी लाभकारी होता है। इन दोनो को सुखा कर इसके चूर्ण का भी सेवन किया जा सकता है साथ ही अब इसके ड्रॉप्स भी बाजार में आसानी से मिल जाते हैं।
तुलसी के अंदर साधारण रोगों से ही लड़ने की क्षमता ही नही है बल्कि इससे भयंकर रोगों का भी सामना किया जा सकता है। सिरदर्द, पेटदर्द, बुखार और फ्लू जैसी बीमारियों में तुलसी का सेवन अत्यधिक लाभदायक होता है।
तुलसी के फायदे । Benefits of Tulsi plant in hindi
- यादाश्त तेज करने में लाभदायक - इसके साथ ही तुलसी दल के नियमित सेवन से याददाश्त तेज होती है। अगर रोजाना तुलसी की 4-5 पत्तियों को पानी के साथ निगलें तथा बच्चों को भी दें तो मष्तिष्क की छमता को बढ़ाने में बहुत मददगार साबित होता है।
- साइनसाइटिस में लाभकारी - यदि साइनसाइटिस के रोगी को तुलसी की पत्तियों को मसलकर सुंघाया जाए तो इससे साइनसाइटिस रोगी को आराम मिलता है।
- रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाये - तुलसी का अगर नियमित रूप से सेवन किया जाय तो शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है जिससे किसी भी प्रकार के सर्दी-जुकाम तथा अन्य प्रकार की संक्रामक बीमारियों से बचाव होता है।
- मासिकधर्म की अनियमितता - मासिक धर्म की अनियमितता को भी तुलसी द्वारा ठीक किया जा सकता है । तुलसी के बीज से वात रोग में आराम मिलता है इसलिए इसका प्रयोग मासिक धर्म की अनियमितता में भी किया जा सकता है ।
- मुँह की दुर्गंध में उपयोगी - मुँह की दुर्गंध को तुलसी के पत्तों द्वारा ठीक किया जा सकता है क्योंकि मुँह की दुर्गंध का एक प्रमुख कारण खराब पाचन क्रिया। तुलसी के सेवन से पाचन तंत्र मजबूत होता है और इसकी सुगंध मुँह के बदबू को भी मिटाती है। इसके 5 से 7 पत्तों को चबाकर खाएं लाभ मिलेगा।
- बुखार में लाभकारी - बुखार में तुलसी के काढ़े का प्रयोग करने से बहुत लाभकारी साबित होता है। तुलसी के साथ लौंग, कालीमिर्च एक गिलास पानी में डालकर मिश्री मिलाकर जब तक आधा ना रह जाए तब तक पकाएं और काढ़ा बनाकर पीने से बुखार में आराम मिलता है।
- सुंदरता के लिए - चेहरे में चमक लाने के लिए व झाँई व कील - मुहाँसे के दाग मिटाने के लिए तुलसी के पत्तों को पीस लें और इसका उबटन हफ्ते में तीन से 4 बार लगाएं चेहरा चमक उठेगा।
- घाव ठीक करने में - घाव ठीक करने के लिए तुलसी के पत्तों को पीसकर लेप बनाकर लगाने से घाव जल्दी ठीक होता है।
- रक्त शुद्धि के लिए उपयोगी - रक्त को शुद्ध करने में तुलसी का उपयोग लाभकारी सिद्ध होता है।
तुलसी को कहाँ लगाएं - Benefits of Tulsi plant at home -
तुलसी को घर के आंगन में लगा सकते हैं इसे हर तरह के जलवायु में आसानी से उगाया जा सकता है। तुलसी को घर मे लगाने से वास्तु दोष दूर होता है तथा साथ ही नकारात्मक उर्जाओं से भी छुटकारा मिलता है और घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है।बरसात का मौसम में तुलसी रोपण करने का सबसे अच्छा समय है।
तुलसी का धार्मिक महत्व - Tulsi ka dharmik mahatwa -
तुलसी की नियमित पूजा करने से लक्ष्मी माता प्रसन्न होती हैं साथ ही श्रीहरि को तुलसी दल के साथ ही भोग लगाया जाता है क्योंकि भगवान विष्णु को तुलसी दल अतिप्रिय है। कार्तिक मास में शालिग्राम और तुलसी माता का विवाह ( Tulsi - vivah ) कराने से घर में सुख - शांति का वास होता है साथ ही ये हमारी प्राचीन सभ्यता का एक हिस्सा भी है।
तुलसी माता के पूजन से घर में खुशहाली आती है साथ ही पुराणों के अनुसार अगर तुलसी की सेवा करते हैं तो हमारे सारे पाप नष्ट होते है मृत्यु के समय भी तुलसी की महत्त्वता है गंगाजल के साथ तुलसी दल को मृतक के मुँह में डाला जाता है।
इस प्रकार हम कह सकते है है कि हमारे पुराणों के अनुसार तुलसी का सिर्फ औषधीय महत्व ही नही बल्कि इसकी धार्मिक महिमा का भी कोई अंत नही। भारतवर्ष को प्रकृति द्वारा दिए इस अनमोल उपहार को संजो कर रखना चाहिए तथा इसके महत्व को भी समझना होगा ताकि आने वाली पीढ़ियों तक हम उपहार को पहुचा सकें।
आजकल के इस काल में कई वायरस ने जब दुनिया मे पाव पसार लिए है तब सिर्फ भारतवर्ष ही नही बल्कि कुछ दिनों में तुलसी की महत्त्वता को सम्पूर्ण जगत ने स्वीकारा है इसलिए हम ये कह सकते हैं कि तुलसी सिर्फ एक पौधा नही बल्कि कलयुग की साक्षात देवी है।
लेखिका - मोनिका गुप्ता
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