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रक्षाबंधन कब से और क्यो मनाया जाता है । Raksha Bandhan in hindi

रक्षाबंधन कब से और क्यो मनाया जाता है । Raksha Bandhan in hindi.


Raksha Bandhan in hindi


Raksha Bandhan in hindi.  त्योहारों से खुशियां जुड़ी है और खुशियों से हम जुड़े हैं  । त्योहार से हमारे जीवन में परिवर्तन और खुशियों का संचार होता है  । किसी भी जाति और देश तथा उसके संबंध जोड़ने का चौहान एक उत्तम साधन है । जीवन में कदम कदम  पर आने वाली कठिनाई, पीड़ा, संघर्ष, तनाव, सुख-दुख को भुलाने का साधन भी त्योहार ही है । क्योंकि हम त्योहार पर खुशी से नाचते झूमते हैं । रक्षाबंधन भी उनमें से एक है । 

राखी भाई बहनों का एक पवित्र त्यौहार है । बहने भाइयों के राखी बांधती है और उनसे रक्षा का वचन लेती है । पुरातन समय से यह प्रथा चली आ रही है । राखी सभी खुशी से मनाते हैं । तो चलिए जानते है - Raksha Bandhan in hindi.

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रक्षाबंधन क्यों मनाया जाता है । Raksha Bandhan kyo manaya jata hai.

रक्षाबंधन भाई बहनों का एक पवित्र त्यौहार है । यह त्योहार असल में इस लिए मनाया जाता है क्योंकि यह एक भाई का अपने बहन के प्रति कर्तव्य को जाहिर करना है  । राखी का धागा भाई बहन परिवार दोस्तों और परिजनों के बीच शाश्वत बंधन का प्रतीक है हिंदू संस्कृति में यह किसी भी बुराई की सुरक्षा का ही प्रतिनिधित्व करता है और इस धागे को जीवन में दुर्भाग्य को दूर करने वाला भी कहा जाता है ।

रक्षाबंधन ( Raksha Bandhan ) पर्व दो शब्दों से मिलकर बना है । संस्कृत में रक्षा का मतलब है कि एक ऐसा बंधन जो करता हो बंधन इसका मतलब की एक धागे के गांठ में रक्षा की प्रतिज्ञा करना है । ये दोनों शब्द ही भाई-बहन के प्रेम का प्रतीक होते है । श्रावण मास में मनाये जाने के कारण इसे सावनी या सलूनो भी कहते हैं । रक्षा बंधन में राखी या रक्षा सूत्र का अधिक महत्व है  ।

रक्षाबंधन का त्यौहार सावन मांस की पूर्णिमा को मनाया जाता है यह पवित्र रिश्ता केवल खून से ही नहीं जुड़ा होता है बल्कि जो इस रेशम की डोरी का मतलब समझे । वो दूसरे  स्त्री, पुरुष भी इस पवित्र रिश्ते को निभा सकते हैं । 


राखी कौन से हाथ में बांधने चाहिए ? Rakhi kis hath par bandhi jati hai.

ऐसा माना जाता है कि दाएं आंख पर राखी बांधने से ब्रह्मा जी की कृपा से कीर्ती  । विष्णु जी की कृपा से रक्षा और महेश की कृपा से दुर्गुणों का नाश होता है । माता लक्ष्मी की कृपा से धन्य-धान, सरस्वती की कृपा से विदा, बुद्धि और विवेक और मां दुर्गा की कृपा से शक्ति प्राप्त होती है  । इसलिए दाहिने हाथ को अधिक महत्व दी जाती है  ।


2022 में रक्षाबंधन कब है ? Raksha Bandhan 2022 in hindi.

 हर साल रक्षाबंधन सावन मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है इस दिन बहन ने भाई की कलाई पर बड़े प्रेम से राखी बांधती है । इस साल 11 अगस्त 2022 गुरुवार  को रक्षाबंधन का दिन है  । सभी त्योहारों का इतिहास होता है ऐसे ही रक्षाबंधन के इतिहास के बारे में  आईये कुछ जानते हैं ।


रक्षाबंधन कैसे मनाया जाता है ? Raksha bandhan kaise manaya jata hai. 

आजकल सजावट वाली बहुत सारी कहानियां मार्केट में मिलती है । एक सुंदर सी थाली में थोड़ा सा कुमकुम, चावल, पानी का छोटा गिलास, रंग-बिरंगे धागे से सजी राखियां राखीयॉं, मिठाई । बहन अपने भाई को चौकी पर बैठा कर पहले तिलक लगाती है। फिर चावल लगा भाई की कलाई पर राखी बांधती है । फिर भाई का मुंह मीठा कराती  है । राखी बांधने के बाद भाई बहन को आशीर्वाद और उपहार देता है । 


रक्षाबंधन के इतिहास व महत्व  | Raksha Bandhan ka itihaas.

यदि हम इतिहास के पन्नों को देखे तो इस त्यौहार के शुरुवात का जन्म 6 हजार वर्ष पुराना बताया गया हैं । इसके कई  साक्ष्य भी इतिहास में मौजूद हैं  । जैसे ऐतिहासिक महत्व -


रक्षाबंधन पर रानी कर्णावती और हुमायूं । Rani Karnavati our Hamayu.

रक्षाबंधन का सबसे पहला साक्षी रानी कर्णावती व मुगल बादशाह सम्राट हुमायूं से शुरू हुआ है । क्योंकि मध्यकालीन युग में राजपूत और मुसलमानों में युद्ध चल रहा था । तभी रानी कर्णावती चित्तौड़ के राजा की विधवा थी । उस दौरान गुजरात के सुल्तान बहादुर से अपनी और अपने प्रजा की सुरक्षा का कोई रास्ता न निकलता देख, रानी ने  मुगल बादशाह हुमायूं को राखी भेजी थी । 

मुगल बादशाह हुमायूं ने मुसलमान होते हुए भी इसी राखी की लाज रखी। वो मेवाड़ पहुँच कर सुल्तान बहादुर के विरूद्ध मेवाड़ कि और से लडते हुए सुलतान बहादुर शाह को हराया और  कर्णावती व चित्तौड़ की लाज बचाई थी। तब से यह राखी प्रथा कि शुरूवात मानी जाती है ।


रक्षाबंधन पर सम्राट Alexander, सम्राट रूप 

रक्षाबंधन का त्योहार सबसे पहले 300 बी सी में मनाया गया था। उस समय Aexander भारत को जीतने के लिए अपनी सेना लेकर आया था। वहां सम्राट पुरू का काफी नाम था  । Alexander ने कभी किसी से मात नहीं खाई लेकिन सम्राट पुरू की सेना के साथ लड़ने में वह अपने को कमजोर समझ रहा था । लेकिन Alexander की पत्नी को जब रक्षाबंधन के बारे में पता चला तो उसने अपने पति के हिन्दू, शत्रु सम्राट पुरू के राखी बंद कर उसे अपना मुंह बोला भाई बनाया उसका मकसद था कि जिससे सम्राट पुरू उसके पति Alexander को जान से ना मारने का वचन लिया  । इसीलिए पुरू ने, युद्ध के दौरान  Alexander की पत्नी काी राखी का रिश्ता निभाया और Alexander को  जीवन दान दिया था । 


रक्षाबंधन पर पौराणिक प्रसंग  इंद्र देव की कहानी 

पौराणिक कथा के मुताबिक असुर  राजा बलि ने  100 यज्ञ पूर्ण कर स्वर्ण का राज्य छीनने के लिए देवताओं पर हमला किया। हिंदू देवताओं ने भगवान विष्णु से प्रार्थना की तब भगवान विष्णु ने वामन अवतार लेकर ब्राह्मण का वेश धारण कर राजा बलि से भिक्षा मांगने पहुंचे गुरु के मना करने पर भी बलि ने तीन पग भूमि दान में कर दी भगवान ने तीन पग में सारा आकाश पाताल और धरती नाक पर राजा बलि को रसातल में भी किया इस प्रकार भगवान विष्णु द्वारा बलीराजा के अभिमान को चकनाचूर कर देने के कारण यह त्यौहार एवं सभी प्रसिद्ध है ।

 कहते हैं एक बार बड़ी रसातल में चला गया । तब भक्ति केबल से भगवान को अपने सामने रहने का वचन ले लिया। भगवान के घर ना लौटने  से लक्ष्मी जी परेशान, नारदजी से उपाय पूछने लगी। तब नारद जी ने लक्ष्मी जी से राजा बलि के पास जाकर उन्हें रक्षा बंधन पर अपना भाई बनाने का और उपहार में अपने पति भगवान विष्णु को अपने साथ ले आने का वचन मॉंगा  । लक्ष्मी जी ने बाली को राखी बांधकर अपना भाई बनाया और भगवान विष्णु को अपने साथ लेकर तभी से यह रक्षा बंधन मनाया जाने लगा। 


रक्षाबंधन पर हयग्रीव कथा

उस दिन सावन मास की पूर्णिमा तिथि विष्णु पुराण में कहा जाता है कि सावन की पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु ने रूप में अवतार लेकर के वेदों को ब्रह्मा के लिए फिर से प्राप्त किया था भगवान सभी को विद्या बुद्धि का प्रतीक माना जाता था, उस समय राजा इंद्र को बहुत नुकसान पहुंचा था । इंद्र की पत्नी सची ऐसी स्थिति देखी नहीं गई ।  फिर वह विष्णु जी के पास गई और उनसे समाधान मांगने लगी ।

 तब विष्णु जी ने सची को एक धागा दिया और कहा कि वह इस  धागे को अपने पति की कलाई पर बांधे । ऐसा करने पर इंद्र के हाथों में राजा बली की पराजय होगी इसलिए पुराने जमाने में युद्ध में जाने से पहले सभी पत्नियां सभी बहने अपने पति और अपने भाइयों की कलाई पर रक्षा धागा बांधती थी  ।


रक्षाबंधन पर कृष्णा और द्रोपती की कहानी

कहां जाता है जब भगवान कृष्ण ने शिशुपाल को मारा था तो उनके हाथकि ऊगली चक्र के कारण कट जाने से खून बह रहा था । तब द्रोपती ने अपनी साड़ी का पल्लू फाड़ करके भगवान कृष्ण के हाथ में बांध दिया जिससे रक्त रूक गया । भगवान कृष्ण ने संकट में उसकी रक्षा करने का वचन दिया था । दुशासन के चीरहरण पर कृष्ण ने साड़ी को बढ़ाकर द्रौपदी की लाज बचाई और उस राखी का वचन निभाया । तब से यह राखी बंधन शुरू हुआ माना जाता है  । 


महाभारत में राखी | Mahabharat me Raksha Bandhan in hindi.

ऐसा कहा जाता है कि जब युधिष्ठिर ने कृष्ण जी से पूछना कि वह सारे संकटों के पार कर सकता है ,तो भगवान कृष्ण ने उन्हें रक्षाबंधन का त्यौहार मनाने की सलाह दी  । तब से ही ये रक्षाबंधन प्रथा की शुरुआत मानी जाती है ।

 रक्षाबंधन पर संतोषी मां की कहानी

पौराणिक कथा के अनुसार कहा जाता है कि भगवान गणेश जी के दोनों पुत्रों की कोई बहन नहीं थी । लाभ शुभ ने अपने पिता से जिद्ध की के उन्हें एक बहन चाहिए । नारद जी के बार बार बीच में बोलने से परेशान होकर गणेश जी ने रक्षाबंधन के दिन ही अपनी शक्ति से संतोषी को उत्पन्न करना पड़ा । रक्षाबंधन के दिन ही दोनों ने अपनी बहन को पाया था । संतोषी मां ने अपने भाइयों को राखी बांधी तब से ये रक्षाबंधन का पर्व माना जाता है   ।


जैन धर्म अनुसार रक्षाबंधन | Jain dharm ke Anusar Raksha Bandhan in hindi.

इस दिन विष्णु कुमार नामक mani rajne सातपुर जैन मुनियों की रक्षा की और जैन माता अनुसार किसी करण रक्षाबंधन पर्व पर सब मिलकर मनाने लगे और इस दिन सब देश व धर्म की रक्षा का संकल्प लेना चाहिए ऐसा कहने लगे  ।

Raksha Bandhan ka Mahatva.

ग्रंथों में रक्षाबंधन

ग्रंथों के अनुसार रक्षाबंधन को पुण्य प्रदायक माना जाता है । इससे तात्पर्य है कि अच्छे कार्य करने वालों को अधिक पुण्य प्राप्त होता है, अधिक लाभ प्राप्त होता है ।  रक्षाबंधन को विष तारक या विष नाशक भी माना जाता है । वही इसे पाप नाशक भी कहा जाता है जो कि खराब कर्मों का नाश करता है  । 


 गुजरात में रक्षाबंधन । Gujarat me Raksha Bandhan in hindi.

गुजरात में श्रावण मास के हर सोमवार को शिवलिंग के ऊपर पानी चढ़ाते हैं फिर इस पवित्र अवसर पर कई लोग रुई का पंच्कव्य में भिगोकर उसे शिवलिंग के चारों और बांध देते हैं इस पूजा को पवित्रो पन्ना भी कहा जाता है  । 


पश्चिमी घाट में रक्षाबंधन । Pashchim me raksha bandhan in hindi.

पश्चिमी घाट पर राखी को एक  देय माना गया है। भगवान वरुण जो कि समुंदर के देवता है । रक्षाबंधन के दिन वरुण जी को नारियल प्रदान किए जाते हैं। इसलिए इस दिन समुद्र में नारियल को फेंका जाता है और इसी प्रथा को राखी पूर्णिमा या नारियल पूर्णिमा भी कहा जाता है  । 

 दक्षिण भारत में रक्षा बंधन | South Indian raksha bandhan in hindi.

दक्षिण भारत में रक्षाबंधन के दिन अवनी अवित्तम भी कहा जाता है । यह पर्व ब्राह्मणों के लिए ज्यादा महत्वपूर्ण होता है । क्योंकि इस दिन ब्राह्मण स्नान करने के बाद अपने पवित्र धागे जनेयू को बदलते हैं। मंत्रों के उच्चारण के साथ इस पूजा को श्रावणी या ऋषि तर्पण भी कहा जाता है । सभी ब्राह्मण इस पूजा का पालन करते हैं  । 

 उत्तरी भारत में रक्षा बंधन | Northern india Raksha Bandhan in hindi.

उत्तरी भारत में रक्षा बंधन को कजरी पूर्णिमा के नाम से जाना जाता है  ।  इस पर्व पर खेत में गेहूं और दूसरे अनाज को बिछाया जाता है । उत्तरी भारत में माता भवानी की पूजा की जाती है । मां भवानी से अच्छी फसल की मनोकामना करते हैं । मछुआरे भी इस दिन मछली पकड़ने का काम शुरू करते हैं । क्योंकि इस दिन समुंद्र शांत रहता है और मछली भी अच्छे से पकड़ी जाती है   ।

रक्षाबंधन का मंत्र । Rakshabandhan ka mantra.

आजकल प्रकृति संरक्षण हेतु भी राखी बांधने की परंपरा का प्रारंभ हुआ है । हिंदुस्तान में राष्ट्रीय संघ सेवक संघ के पुरुष सदस्य परस्पर भाईचारे के लिए एक दूसरे को भगवा रंग की राखी बांधते हैं  । हिंदू धर्म के सभी धार्मिक संगठनों में रक्षा सूत्र के समय कर्मकांडी पंडित आचार्य संस्कृत के 1 श्लोक करते हुए रक्षाबंधन का संबंध स्पष्ट रूप से दृष्टिगोचर होता है । राखी बांध के समय यह श्लोक अभिष्ट मंत्र माना गया जैसे -

यह बद्दो बलीराजा दानवेंद्रो महाबल ।
तेंन त्वमापि बध्नामि रक्षे मा चल मा चल ।

 अर्थ - रक्षा सूत्र से मैंने महान शक्तिशाली दान देवेंद्र राजा बलि को बांधा था , उसी सूत्र से मैं तुझे बांधता हूं । हे राखी तू अपने संकल्प से कभी भी विचलित ना हो ना तुम अडिग रहना  ।

रक्षाबंधन पर गिफ्ट क्या दें | Raksha Bandhan par gift kya de.

अगर यदि आपकी बहन छोटी है तो आप उसे कॉफी मग पे उसका फोटो बनाकर दे सकते हैं । आप उसे पिलों पर  उसका फोटो बना कर दे सकते हैं । ऊपर कोई ऐसे कार्टून वाला बना टैडी उसे गिफ्ट कर सकते हैं  । उसकी कोई पसंदीदा चीज हम उसे दिला सकते हैं । हम उसे सरप्राइस में उसके मनपसंद ड्रेस या Payal आभूषण टाइप में कुछ चीज दिला सकते हैं ।

बहन छोटी हो या बड़ी है हम उसे उसकी जरूरत की चीज देते हैं । तो वह बहुत खुश होती है । वो कहती सब भाइयों मैं  दी ग्रेड इन बेस्ट मेरा भाई जो मेरा इतना ख्याल रखते हैं  ।

  

 इस पर्व पर गिफ्ट को देख करके बहन ने हमें ग्रेट महान बनाती है बल्कि  रिशतों में तोहफे का कोई मोल नहीं होता  । रिश्ते तोहफे के मोहताज नहीं होते, रिश्ते प्रेम के बंदे होते हैं और वह भाई बहन का प्रेम दर्शाते हैं कि भाई अपनी बहन की कितनी चिंता करता है । इस प्रकार दिल से दिए गए तो सही एक अच्छे भाई का पद दर्शाते हैं । 

 आप चाहे तो अपनी बहन को जरूरत की चीज जैसे मोबाइल है वॉशिंग मशीन  है फ्रीज और, बिग बहुत सी ऐसी जरूरत की चीजें नहीं जो हम अपनी बहन को रक्षाबंधन के उपहार स्वरूप दे सकते हैं  । 

   

रक्षाबंधन पर व्हाट्सएप स्टेटस । Rakshabandhan par whatsapp status.

  • अमीर गरीब जैसा भी है मेरे धागे की लाज रखने वाला मेरा भाई महान है हर देना की जुबां पर यही एक नारा है मेरा भाई प्यारा है । 
  • भाई बहन के रिश्ते में कोई दुश्मनी नहीं होती । सिर्फ वक्त की हवा में बदल जाती है ।  तो थोड़े से रिश्ते का रुख मुड़ जाता है तो हमें प्रेम दुश्मनी में नजर आने लगता है। 
  •  जैसे पांचो उंगली सामान नहीं होती । ऐसे ही सारे भाई भी शैतान नहीं होते हैं, आज की दुनिया में बहुत से भाई बहन ऐसे हैं जो भाई-बहन पर जान देते हैं । ये रिश्ते इतने अनमोल होते हैं । जो कच्चे धागे से भी नाजुक होते हैं मगर कभी टूटते नहीं है  । 
  • चाहे भाई कितना भी बैरी क्यों ना हो लेकिन रक्षाबंधन के लिए बहन को हर भाई प्रिय होता है और वह उसके लिए दुनिया का सबसे अच्छा भाई होता है। जिसके आगे अनमोल हीरा भी फीका होता है । इतना प्यारा मेरा बीरा होता है  । 

रक्षाबंधन पर शायरी | Rakshabandhan par shayari.

भैया ना कोठी ना बंगला ना कार मांगु
रेशम के दो तार से बंधा तेरा प्यार मांगू ।

रात बीती दिन ढलता जाजाये
रेशम का तार हवा में उड़ उड़ जाए ।
 तूफानी हवाओं को देख दिल मेरा घबराए
आओ नी बीरा थाने देखिया बिना चैन ना आए ।

 यह बंधन ना तकरार है ना उधार है
नहीं रिश्तो का बोझ है नहीं भार है ।
ना कोई जोर जबरदस्ती ना कोई उपहार है 
राखी तो रिश्तो में पवित्र प्रेम था उपहार है ।

वर्ष बीत गया पर यादें आज की ताजा रह गई
पूजा का थाल फिर राखी और मिठाई से सज गई
प्रभात से राह देख रही हूं कद आओगे बीर |


देखो खीर और मालपुआ ठंडा हो गया 
थारी बाट जोवता देखो आंखिया सू आंसू टपकवा लाग्या 
दीपक भी हवा में झोला खावा लाग्या ।
 आओ म्हारा वीरा मन में हजार सवाल उठवा लाग्या
 राखी का त्यौहार वीरार्गल आगरा में शोर होवा लाग्या ।

म्हारे आंगने भी भावज भतीजा री किलकारी सुना जा
 या राखी की डोर बंधाजा बहन ने आशीष बीरा देजा । 

   शिवा सिंहल आबूरोड

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