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राजस्थान पर निबन्ध हिंदी में । Essay on Rajasthan in hindi.

राजस्थान पर निबन्ध हिंदी में । Essay on Rajasthan in hindi.


Essay on Rajasthan in hindi.


Essay on Rajasthan in hindi. भारत में पश्चिम हिस्से में पाकिस्तान की सीमा के सटीक में बसा राजस्थान सबसे खूबसूरत राज्यों में से एक है । यहां के बड़े बड़े रेतीले टीले इनकी खूबसूरती पर चार चांद लगा रहे है । यहां के लोग सीधे साधे एवं सरल स्वभाव के धनी होते है । 

विशाल भूभाग पर बसे राजस्थान पर्यटन के दृष्टि से भी बहुत महत्वपूर्ण है । यहां के लोकगीतों एवं सांस्कृतिक विरासत को लेकर भारत के मानचित्र पर अहम स्थान रखता है । इसलिए तो मेरा राजस्थान, रंगीला राजस्थान जैसे नामों से जाना जाता है  तो चलिए जानते है राजस्थान पर निबन्ध । Essay on Rajasthan in hindi. 

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मेरा राजस्थान पर निबन्ध । Essay on Rajasthan in hindi.


प्राचीन काल में राजस्थान में आदिवासी कबीलो का शासन था 2500 ईसा पूर्व से पहले राजस्थान बसा हुआ था । और उत्तरी राजस्थान में सिंधु घाटी सभ्यता की नींव रखी गई थी । भील और मीणा जनजाति इस क्षेत्र में रहने के लिए सबसे पहले आए थे ।

राजस्थान भारत का एक महत्वपूर्ण प्रांत है यह 30 मार्च 1949 को भारत का ऐसा प्रांत बना जिसमें तत्कालीन राजपूताना की ताकत बने भरतपुर के चार शासक ने भी अपनी रियासत के विलय राजस्थान में किया । था 18 मार्च 1948 को शुरू हुई इस राजस्थान के एकीकरण की प्रक्रिया कुल 7 चरणों में 1 नवंबर 1956 को पूरी हुई ।

राजस्थान में कला का इतिहास मानव सभ्यता के इतिहास के साथ जुड़ा हुआ है । खुदाई से प्राप्त अवशेषों से यहां की कला की क्रम विकास को सहज ही समझा जा सकता है जैसे अरहर, कालीबंगा बागोर, ओझियाना आदि गांव उल्लेखनीय सभ्यताओं की केंद्र रहे हैं ।

राजस्थान स्थापत्य कला का धनी है यहां के स्थापत्य कला की प्रमुख विशेषताओं में दुर्गों का निर्माण, हवेलियों की स्थापना तथा मंदिरों का स्थापना रही  है । जिसमें से अजमेर, जोधपुर, उदयपुर, जैसलमेर, कुंभलगढ़ उल्लेखनीय हैं ।

राजस्थान के दुर्ग । Fort of Rajasthan.

सामाजिक दृष्टि से और सुरक्षा के लिए बनाए जाते थे राजस्थान को दुर्गों की भूमि कहा जाता है । सुरक्षा की दृष्टि से दुर्ग ऊंची पहाड़ियों पर गहराई नदियों के किनारे अथवा मैदानी भागों में बनाए जाते थे । दुर्गे के निकट प्राय गहरी खाई बनाई जाती थी जिनमें पानी भरकर, जहरीले जानवर छोड़कर शत्रुओं को रोका जाता था । राजस्थान के प्रमुख किले इस प्रकार है -

● स्वर्ण का किला, जैसलमेर

● मेहरानगढ़ दुर्ग, जोधपुर

● चितोड़ का किला, चितौड़गढ़

● कुम्भलगढ़ दुर्ग, उदयपुर

● आमेर का किला, जयपुर

● जूनागढ़ किला, बीकानेर

● लोहागढ़ किला, भरतपुर

● सिटी पैलेस जयपुर

● सिटी पैलेस उदयपुर

● रणथंभौर दुर्ग, सवाईमाधोपुर आदि मुख्य हैं ।


राजस्थान के मंदिर । Temple of Rajasthan.

मंदिरों का विकास गुप्त काल से माना जाता है जो गुजर, परिहार, गोहिल, चंदेल, राठौर, सोलंकी को मचालु के तथा पाल शासकों के समय से होता रहा है मंदिर में देवी देवताओं की स्थापना होती थी जिनका निर्माण शास्त्रों के अनुसार होता था । राजस्थान के मुख्य मंदिरों में निम्नलिखित हैं,

1. मेवाड़ के प्रमुख मंदिर -

 ● जगदीश मंदिर उदयपुर

 ● सास बहू का मंदिर

 ● अंबिका मंदिर, जगत द्वार, ऋषभदेव का जैन मंदिर उदयपुर आदि ।


2. मारवाड़ के प्रमुख मंदिर - 

 ● दिलवाड़ा जैन मंदिर आबू पर्वत सिरोही

 ● रणकपुर जैन मंदिर, पाली खाटू के मंदिर एवं बाड़मेर ओसिया (जोधपुर ) के मंदिर आदि ।


3. हाडोती के प्रमुख मंदिर - 

हिंदू मंदिर, बाडोली रावतभाटा, शिव मंदिर बारां, कसवा मंदिर कोटा, कमलेश्वर महादेव बूंदी, सूर्य मंदिर, झालरापाटन झालावार आदि मुख्य है ।

राजस्थान की मूर्तिकला । Rajasthan ki murtikala.

 राजस्थान में वैष्णव शॉप आदि के साथ जैन धर्म के अनेक मंदिर एवं मूर्तियां प्रसिद्ध है यद्यपि गुर्जर प्रतिहार, चौहान मुगल शासकों के संरक्षण में मूर्तियां से सुसज्जित मंदिर निर्मित करवाएं तथा यादव प्रतिहारो का विशेष योगदान रहा । धर्म की प्राचीन परंपराओं में शिव के लिंग बिहार और मानवीय प्रतिमाएं बनाई गई । इन मूर्तियों में महेश्वर मूर्ति, अनहद शिव उमामाहेश्वर हरिद्वार अनुग्रह मूर्तियों को अधिक उत्तरण किया है ।

इन सभी प्रतिमाओं का सौंदर्य अनुपम है । मूर्तियों में प्रधान आभूषण, केश विन्यास तथा विभिन्न मूर्तियां मूर्ति कलाओं की विशेषताएं हैं ।

हवेलियां -  राजस्थान में वास्तु नियम के अनुरूप हवेलियों का निर्माण हुआ जिनमें जयपुर की हवेली का निर्माण हुआ । यह हवेली परंपरा सुप्रसिद्ध है । रामगढ़, नवल गढ़, लक्ष्मणगढ़ की विशाल हवेलियां प्रसिद्ध है ।

छतरियां -  राजस्थान के शासकों, सामन्तो विशिष्ट वर्ग आदि ने अपने पूर्वजों की स्मृति में जो स्मारक बनाए । यह छतरियां तथा देवल के नाम से जाने जाते हैं ।

चित्रकला -  राजस्थान में ऐतिहासिक कला से ही चित्रकला का  संपन्न रूप रहा है । इसकी कलात्मकता में अजंता शैली के साथ-साथ मुगल शैली का प्रभाव दिखता है । यह कला राज दरबारों तक ही सीमित थी, परंतु मुगल साम्राज्य के पतन के साथ ही चित्रकला राज्य संरक्षण प्राप्ति के लिए इधर उधर चले गए ।

संगीत काल - राजस्थान में प्राचीन काल से ही संगीत का प्रचलन रहा है । युद्ध के साथ संगीत की दुनिया रूप वाद्य यंत्रों की गर्जना से जोश युक्त वातावरण हो जाता था । यहां विभिन्न रोगों से मुक्त संगीत के साथ - साथ श्रृंगार से युक्त मांड राग भी उल्लेखनीय रहा है ।

 यहां के शासकों ने संगीतज्ञ एवं गीत की का सदैव सम्मान किया है । भक्तों ने भी संगीत के विभिन्न राग रागिनीयों को प्रचलित एवं प्रसारित किया । जिसमें मीराबाई, दादू, चरण दास, कबीर के नाम विशिष्ट रहे हैं । संगीत की विविध धरान भी राजस्थान में विकसित हुई है । जन सामान्य के बीच लोक संगीत में संस्कार उत्सव पर्व देवी देवताओं के जागरण एवं वैवाहिक गीत भी गाए जाते हैं । राजस्थान के अनूठी कला और संस्कृति यहां के दुर्गमंदिर, मूर्तिकला, छतरियां, हवेलियों में देखने को मिलती हैं जो हमारी गौरवपूर्ण विरासत है । इस विरासत को संभाल कर रखना हमारा दायित्व है ।

राजस्थान के प्रमुख महोत्सव । Rajasthan ka Mahotsav.

 पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार द्वारा कोई मेलों का आयोजन किया जाता है जैसे -

●  बीकानेर में ऊंट महोत्सव, 

● जैसलमेर में मरु महोत्सव, 

● जयपुर में पतंग महोत्सव,

●  राजसमंद में कुंभलगढ़ महोत्सव, 

● जोधपुर में मारवाड़ महोत्सव व

● उदयपुर में मेवाड़ महोत्सव आदि  ।

 इस प्रकार के महोत्सव में प्रतिवर्ष हजारों की संख्या में विदेशी विदेशी पर्यटक आते हैं । जो हमारी राजस्थान की कला संस्कृति को बढ़ावा देते हैं, राजस्थान की वीर गाथा का बखान करते हैं  ।

राजस्थान का पर्यटन विकास एवं सुविधाएं । Tourist of Rajasthan.

 पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए राजस्थान में राजस्थान पर्यटन विकास निगम की स्थापना की गई जिसका मुख्यालय जयपुर में स्थित है । साथ ही पधारो म्हारे देश, राजस्थान पधारिए, रंगोली राजस्थान, सुरंग राजस्थान, अतुल्य राजस्थान, जाने क्या देखें जाए आदि नारे दिए जाते हैं । पर्यटकों की सुविधा के लिए राजस्थान को अलग पर्यटन मंडलों में बांटा गया है, जिसमें से जयपुर आमेर सर्किट, मारुति सर्किट एवं मेवाड़ सर्किट आदि महत्वपूर्ण है, जहां देसी वें विदेशी पर्यटक अधिक आते हैं ।

 सभी तरह की आधुनिक सुविधाओं से संपन्न नहीं यहां चाहिए रेलगाड़ी भी देशी-विदेशी पर्यटकों को आकर्षित करती है । दिल्ली से शुरू होने वाली यह रेलगाड़ी राजस्थान में जोधपुर, चित्तौड़गढ़, उदयपुर, जयपुर, सवाई माधोपुर, जैसलमेर एवं भरतपुर से होकर आगे मध्य प्रदेश एवं उत्तर प्रदेश में चली जाती है  ।

राज्य में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए इस उद्योग का दर्जा दिया गया है । पर्यटन एक सेवा उद्योग है । परिवहन के लिए आरक्षण का गाइड एक प्रमुख पर्यटन स्थलों की जानकारी आदि, इंटरनेट पर उपलब्ध है ताकि पर्यटन इन सभी स्थलों की जानकारी जुटा सकें ।

प्रमुख दर्शनीय स्थलों को सड़क मार्ग रेल मार्ग एवं हवाई मार्ग उसे जोड़ने का प्रयास किया गया है । राज्य में उपलब्ध परिवहन की सुविधा लोक नृत्य, लोक कला, लोक नृत्य, लोक गीत, पारंपरिक वेंशभूषा आदि इन पर्यटन के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है । पर्यटन के विकास के लिए राज्य में होटल निर्माण योजना संचालित है ।

राजस्थान स्थापना दिवस । Rajasthan sthapna diwas / Rajasthan day 2022.

 अंग्रेजी शासन से मुक्त होने के बाद कई रियासतों को अंग्रेजों ने अपने स्वविवेक पर छोड़ दिया कि वे अपनी स्वेच्छा किसी भी राज्य / देश मे विलय कर सकती है । आजादी के समय राजस्थान में कुल 22 देशी रियासते थी जिनका विलय राजस्थान में किया गया ।  यह एकीकरण 7 चरणों मे पूरा हुआ । जो इस प्रकार है -

  1. 18 मार्च 1948 - मत्स्य संघ ( अलवर, भरतपुर, धौलपुर व करोली )
  2.  25 मार्च 1948 राजस्थान संघ ( कोटा, बूंदी, बांसवाड़ा, झालावाड़, डूंगरपुर, प्रतापगढ़, शाहपुरा, किशनगढ़ व टोंक )
  3. 18 अप्रैल 1948 संयुक्त राजस्थान ( उदयपुर का विलय )
  4. 30 मार्च 1949 वहत्तर राजस्थान संघ ( जैसलमेर, जोधपुर, बीकानेर व जयपुर )
  5. 1 नवम्बर 1956 आबू, देलवाड़ा का विलय जो तहसीले थी ।
  6. 15 अप्रैल 1949 के दिन मत्स्य संघ का विलय ।
  7. 26 जनवरी 1950 के दिन सिरोही का विलय किया गया । 

इन रियासतों का एकीकरण करके राजस्थान की स्थापना 30 मार्च 1949 को की गई । उसी दिन यानी प्रतिवर्ष 30 मार्च को राजस्थान स्थापना दिवस मनाया जाता है ।  इस अनेक कार्यक्रम आयोजित किये जाते है । 

उपसंहार । Essay on Rajasthan in hindi. 

प्राचीन काल में राजस्थान राजपुताना नाम से जाना जाता था । यहां एक से बढ़कर एक राजपूत राजा हुए जिन्होंने अपनी मातृभूमि की रक्षा के लिए अपने आप का त्याग कर दिया ।

 वही अनेकों ऐसी महान नारियां भी हुई जिन्होंने अपनी मान मर्यादा के लिए खुद को आग से स्नान किया ।  राजस्थान का इतिहास बहुत ही गौरवशाली रहा है । यहां पग पग वीरो ने जन्म लिया इसलिए वीरो की भूमि भी कहा जाता है ।  ऐसी वीर भूमि को नमन ... ।

10 lines about Rajasthan in Hindi.


राजस्थान पर 10 वाक्य । 10 lines about Rajasthan in Hindi.

1. राजस्थान भारत के पश्चिमी भाग में स्थित है । जो अपने गौरवशाली इतिहास, अदम्य साहस, वीरो का बखान करती एक ऐसी भूमि है जहां की नारियो ने भी अपने अस्तित्व, मान - मर्यादा के खातिर खुद का बलिदान कर दिया । 

2. राजस्थान अपने वर्तमान स्वरूप में 1 नवंबर 1956 को आया था लेकिन राजस्थान दिवस प्रतिवर्ष 30 मार्च को मनाया जाता है । जिसकी राजधानी जयपुर है ।

3. भारत के पश्चिमी भाग में पाकिस्तान की सीमा के पास स्थित जिनका क्षेत्रफल 342239 वर्ग किलोमीटर है । जिनकी जनसंख्या 6.8 करोड़ है 

4. राजस्थान की लोककला, लोकगीत सर्वप्रिय है । यहां एक से  बढ़कर एक स्थापत्यकला के बेजोड़ नमूने है । जो आज भी पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करते है । Essay on Rajasthan in hindi. 

5. यहाँ के लोग सीधे साधे, धोती कुर्ता व पगड़ी पहनते हैं एवं महिलाए लंहगा व ओढ़नी पहनती है । राजस्थान का राजपूती पहनावा आज भी पूरे भारत में लोकप्रिय हैं । 

6. राजस्थान में प्रतिवर्ष अनेको मेलो का आयोजन किया जाता है जैसे गणगौर का मेला, बाबा रामदेव जी का मेला आदि । इसी प्रकार महोत्सव का आयोजन भी किया जाता है ।

7. राजस्थान के रेतीले टीलों पर थार का महोत्सव आयोजित किया है जो कि सबसे लोकप्रिय महोत्सव में से एक है । यहां पर विदेशी पर्यटक भी रेत के टीलों का लुफ्त उठाते नजर आते है ।

8. राजस्थान की शुष्क जलवायु के चलते आधा क्षेत्र कम वर्षा के सूखा रहता है । कृषि प्रधान प्रान्त में रबी एवं खरीब की फसलें ली जाती है । यहां के लोग मुख्य रूप से खेती एवं पशुपालन का कार्य करते है ।

9. राजस्थान को 7 भागो अलग अलग भाषा बोली जाती है जिसमे मारवाड़ी, मेवाड़ी, शेखावटी आदि मुख्य है लेकिन राज्य की मुख्य भाषा हिंदी है |

10. राजस्थान की राजधानी पिंक सिटी, जोधपुर को सूर्यनगरी, जैसलमेर को स्वर्णनगरी एवं उदयपुर को झीलों की नगरी के नाम से जाना जाता है जो लोकप्रिय पर्यटन स्थलों में से एक हैं ।

11.  राज्य  का वृक्ष खेजड़ी, राज्य पुष्प रोहिड़ा, राज्य खेल बास्केटबॉल, राज्य पशु चिंकारा, राज्य नृत्य घूमर एवं राज्य  गीत केसरिया बालम पधारो नी म्हारे देश... आदि मुख्य है ।। एल. आर. सेजु थोब 'प्रिंस' ।।


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