Ad Code

Ticker

स्वतंत्रता दिवस 2020 पर भाषण हिंदी में

independence day speech in hindi


independence day speech in hindi

दोस्तों स्वतंत्रता दिवस 2022 पर हम लेकर आये भाषण जिसे आप स्कूल, कॉलेज या किसी स्वतंत्रता दिवस independence day speech कार्यक्रम
 पर बोल सकते हैं । तो पेश - Swatantra diwas -
पढ़े - गणतंत्र दिवस पर भाषण हिंदी में

भारत की आजादी के 75 वर्ष पूरे हुए और  76 वां साल आरंभ हुआ। आजादी के लिए लंबा संघर्ष, शौर्यगाथाएं, वीर सैनिकों की शहादतें, अनाम सैनिकों के बलिदान, महान नेताओं का देशप्रेम और बलिदान एक ऐसा इतिहास है जो प्रेरणा पुंज है। पर इस साल के स्वतंत्रता -दिवस का समारोह ध्वजारोहण लाल किले पर भाषण ,तिरंगे की आन बान शान में नृत्योत्सव, उमंग उल्हास सब होगा पर एकदम अलग तरह का, शोर शराबे से दूर, दिलों से दिलों तक भावनात्मक।

यह साल कोविड़ 19 की महामारी की त्रासदी झेलते हुए संपूर्ण विश्व में भारी उथल-पुथल ले आया है । मानवता, सामाजिकता, वैश्विक करण, आर्थिक नीतियाँ, भविष्य की महत्वकांक्षी योजनाएं, शिक्षा पद्धति, खेल जगत, वैज्ञानिक आविष्कार सब पर परोक्ष रूप से स्थिरता आ गई है। आज की सब से बड़ी जीत है मानव मात्र की जान बचाने का प्रयास सफलतापूर्वक करना । "न्यू -नार्मल, सोशल-ड़िस्टेंस, स्वेच्छा से अपने ही घरों में रहना, आन लाईन शिक्षा, वर्क फ्राम होम ,जैसे अनेकों नये तौर तरीके जीवन और देश में आए जिन्हें अपनाना
कठिन रहा । यह नया हम सीख रहे हैं या सीखने के लिए मजबूर हो गए हैं ।

Swatantra diwas par bhashan in hindi


हर देश में रोगियों की संख्या, मृतकों का आंकड़ा, पाज़िटिव, नेगेटिव का ज्वार भाटा रोज दिख रहा है। स्वेच्छा से भी घरों में रहने का आदेश यानि आजादी पर  थोड़ी लगाम। तो पहली बार "पराधीन सपने हुँ सुख नाही" समझ आ रहा है । स्वतंत्रता का ,आजादी का  यथार्थात्मक अर्थ पता चल रहा है। इस देश की नयी पीढ़ी जिन्होंने  भारत -पाकिस्तान का विभाजन किताबों में पढ़ा, फिल्मों में देखा आज प्रत्यक्ष रूप से एक राज्य से दूसरे राज्य में मजदूरों का पलायन देखा। उनके दर्द को महसूस किया। इस सत्य को भी जाना कि अपनी जमीन.,घर बार जहाँ सपने संजोए थे उन सब को छोड़कर मुठ्ठी भर सामान लेकर जब शुन्य से शुरू करना पड़ता है तो कैसा महसूस होता है। ऐसे ही आजादी के रखवालों के लिए भी परिस्थितियाँ बनी होंगी पर देश की खातिर सिर पर कफन बाँध कर घर से निकल पड़े थे।
भारत के उस संघर्ष का एकांश ही सही पर  स्वयं जाना।

 यह 74 वां स्वतंत्रता दिवस नयी दृष्टि का जन्मदाता है ।अब वर्तमान पीढ़ी तिरंगे का मान अधिक मन से करेगी। इस वैश्विक संकट में जिस तरह एकजुट होकर अपने प्रधानमंत्री जी, राज्यों के मुख्यमंत्री जी और सम्मानीय शासकों का आदेश पालन किया और महामारी को मुँह तोड़ जवाब दे रहें है वो हमारी संस्कृति और संस्कारों का ही प्रभाव है । अपने घरों में रहकर सामाजिक सरोकारों को निभाना, व्यवस्थाओं के प्रति जो सकरात्मक सोच जाग्रत हुई है वो एक सौ तीस करोड़ नागरिकों की मानसिक शक्ति का बल है । पूरा परिवार एक बड़ा परिवार और देश का मुखिया के प्रति दिखाते हम सब
तिरंगे के सम्मान में स्वतंत्रता दिवस मनाते हुए ।

Aajadi par bhashan 


  कविवर श्री हरिवंशराय बच्चन जी की पंक्ति " हार नहीं मानूँगा रार नहीं ठानूँगा " बरबस याद आ जाती है । यह जश्ने आजादी का माहौल और कठिन समय दोनों साथ आए हैं पर हम भारतवासी भरत की संतानें, शिवाजी के अंश, सरदार पटेल  जैसा लौह संकल्प और ए.पी.जी कलाम जैसी कर्मशीलता को दृष्टांतों को आत्मसात करने वाले इस स्वतंत्रता दिवस पर यह संकल्प लेते हैं कि  हर चेहरे पर मुस्कान, पेट में अन्न, और हाथों को काम देने की कोशिश जारी रखेंगे।
यह भी पढ़े - थर्ड आई चक्र को कैसे एक्टिवेट करे

 2020 का स्वतंत्रता दिवस स्वच्छता, सोशल डिस्टेंस, सहनशीलता के तीन रंगों से सराबोर है ।हमारे योग, आयुर्वेद और धैर्यशीलता को दूख संसार चकित है।
विशेष कर  हर उस जन सेवक को सैल्यूट चाहे वो स्वास्थ्य कर्मी हों, ड़ाक्टर, पुलिस, जन सेवक, सफाई कर्मचारी,  हर वो शख्स जो हमें घरो़ में सुरक्षित रखने के लिए स्वयं  अपनी निजी खुशियों को भूलकर कार्यरत हैं।
  हम सब  कृतज्ञ हैं ।  हमें यकिन है कि करोना काल ने जो हमारे भीतर की मानवता को जगाया है वो सदा जाग्रत रहेगी और भारत का नाम विश्वपटल पर अंकित रहेगा।
 
  ड़ा. नीना छिब्बर
 चौपासनी हाउसिंग बोर्ड़, जोधपुर
Post Navi

एक टिप्पणी भेजें

2 टिप्पणियाँ

  1. स्वतंत्रता दिवस पर भाषण बहुत ही उम्दा हार्दिक बधाई

    जवाब देंहटाएं
  2. स्वतंत्रता दिवस पर भाषण बहुत ही उम्दा हार्दिक बधाई

    जवाब देंहटाएं

Ad Code